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How to Quit
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सिगरेट के धुएं में मौजूद होती हे बेहद खतरनाक चीजें >
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यह सिद्ध करता हे की देशमें पारिवारिक संस्कारिता,
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-> हमेशा खुद से पूछते रहें कि
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इसे 'quit cigarette medicine' भी कहते हे,
प्रकृति के बीच समय बिताएं | घर-परिवारमें
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for any loss, damage, mishap, or condition that may occur
from engaging in any activities or ideas from this blog/site.
You may take decision and consume
any of the products described here in above on your own.
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How to Quit
तम्बाकू-गुटख़ा-बीड़ी-सिगरेट का व्यसन कैसे त्यागें !?
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हमारे एक परम् मित्र श्री विष्णुभाई..
बड़े ही मजेदार-शानदार-जानदार एवं आनंदी व्यक्ति हैं |
एकबार हमसे मिलने हमारे घर आये, पहली बार उनके
चहेरे पर मायुज़ि देखि.. हमने पूछा - क्या बात हे !?
एक लम्बी साँस लेते हुए उन्होंने कहा की ..
ना सिर्फ अकेला मैं बल्कि मेरा सारा परिवार
भलीभाँति जानता हे की आप कैंसर अस्पतालके O.T. -
ऑपरेशन थियेटर में कईं वर्षों तक काम कर चुके हो,
अतिरिक्त - फिर आप कई 'व्यसनमुक्ति केम्प' भी
ऑर्गेनाइज़ कर चुके हो, > यही वजह थी के आप -
बिना हिचकिचाहटके, परिवारके एक सदस्य की तरह ही
मेरे बेटेको बार बार चेतावनी दे रहे थे,
और फिर हमारा सारा परिवार भी
आपकी राय के सहारे बेटेको कुछ कुछ कहता रहेता था |
आप तो जानते हो आजकल वयस्क होचुकी औलादकोभी
सलाह नहीं दी जा सकती - यह दुःख किसको कहें .. !!
आखिर वही हुआ ~
जिसकी आप बारबार चेतावनी दे रहे थे |
बेटे को 'कैंसर डिटेक्ट' हुआ हे |
उन्हों ने दोहराया, मझे याद हे, एकबार ..
"व्यसन नहीं करने वाले को भगवान
उपरसे वापस भेज देता हे" आदि- ऐसी कई बातें
सुना कर हमारे बेटेने आपका मजाक बनाया था;
हम शर्मिंदा हैं, जब एकबार..
"हमारा आपसे क्या वास्ता !!
हम तम्बाकू-गुटखा-सिगरेट खा-पी कर मर भी जाएं,
आपको हमें सलाह देनेकी कोई जरूरत नहीं"
ऐसी ख़री-खोटी सुना कर
ऐसी ख़री-खोटी सुना कर
हमारे बेटेने आपको अपमानित किया था,
हमारे साथ दोस्ताना-संबन्धों के कारण उसे सह कर भी
आप धीरे से उठकर हमारे घरसे चले गए थे |
आज हमारे घरमे सभी बहोत दुःखी एवँ शर्मिन्दा हैं,
अतः मेरे दिलका बोझ हल्का करने ही
में आपके घर आया हूँ |
.. इतनी बात पूरी करते
दोस्तका गला बैठ गया,
आवाज खो गई, और
आँखों से आँसू ट्पक पड़े |
ऐसेमें उनकी चिंता अत्यंत स्वाभाविक थी, क्यूँकि
चिंता सिर्फ बेटे की ही नहीं बल्कि बेटेकी बहु और
डेढ़ सालके पोते की चिंता भी सारे परिवारको
डेढ़ सालके पोते की चिंता भी सारे परिवारको
'बिज्जू-लकड़बग्धे' की तऱ्ह खा रही थी |
ख़ैर ..
ज़िंदगी के किसी भी मोड़ पर हर हालमे
जूझ कर भी हमेशा सकारात्मक रहनेकी
सिख देने वाले मित्र के घर जो आये थे..
..
इधर-उधर की बातें और चाय-नाश्ते के पश्च्यात
उनके दिलका बोझ कुछ कम हो जाने पर
हमने सांत्वना देते हुए समजाया की..
विज्ञान आज खूब आगे बढ़ चूका हे,
हालाँकि प्रक्रिया लम्बी और थकाने वाली हे,
पर यदि दर्दी बिलकुल पॉज़िटिव हो, एवँ
आत्मविश्वास बनाये रख्खे, परिवार सहकार करे, और
चिकित्सा के हर पहलू का सटीक पालन किया जाये,
साथ ही समजदारीसे आहारमे पोषक तत्वों एवं जरूरी
विटमिन-मिनरल्स-प्रोटीन आदि सप्लीमेन्टस की
आपूर्ति की जाए तोह
'दर्द'को परास्त किया जा सकता हे|
और हाँ, जीवनमे की हुई गलती की ओर
दुबारा मुड़के कभी नहीं जाना हे .. !!
फिर, और भी कईं सारी बातें हुईं ~ अंततः
पुरे आत्मविश्वास एवँ सुखद भविष्यकी उम्मीद लिए
मित्र अपने निवासको वापस लौटे |
समयांतर पर उनके बेटेको
ठीक ठीक स्वास्थ्य-प्राप्ति हुई और वह
आज काफी हद तक सहज एवं सामान्य जीवन
जी रहा हे, श्रीमान विष्णुभाईका परिवार सुखी हे |
..
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दोस्तों यह घटना खूब डरावनी हे लेकिन किसी भी
छोटे-बड़े व्यसनीके जीवनमे बड़ी सिख देने वाली हे |
याद रहे,
जिन्हे कुछ भी व्यसन करना ही हे,
उनके सामने हम हर हालमे किसी भी प्रकारकी
कोई बहस नहीं करना चाहते हे,
वे कृपया इस 'आलेख' को ना पढ़ें |
..
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परन्तु ..
जो मित्र - स्वयं समझते और कहते हैं की
"मुझे निश्चित रूपसे व्यसनमुक्त होना हे"..
ऐसे दोस्तों के लिए
हम कुछ जानकारी शेयर करना चाहेन्गे,
और हमे पूरी उम्मीद हे की हमारे कहने का
कुछ फायदा आपके जीवनमे जरूर प्राप्त होगा;
और रिटायर्ड लाइफमें हमारे कई सारे
ऑनलाईन सेवार्थ कार्यों के साथ
यह एक और प्रयत्न भी सार्थक होगा |
..
..
पहले जरा 'physiological science' -
'मानव शरीर विज्ञान' के दृष्टिकोण से देखते हे |
..
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एज्युकेटेड हर व्यक्ति यह जानता हे की
तम्बाकू-बीड़ी-सिगरेट या किसी भी प्रकारके
नशेकी चीज-वस्तुओं का उपयोग मस्तिष्क-मगज के
ज्ञान तंतुओं में एक उत्तेजना पैदा करता हे,
जो क्षण-भंगुर याने अल्पसमयक होती हे, और यह
एक मानसिक-काल्पनिक-भावोत्तेजक अवस्था
'Emotional मामला' हे, वास्तवमे
शारीरिक-अनुभूतिओं के लिए मगजमे रहे
'ज्ञानतंतुओं का कुछ हद तक निष्क्रिय या जड़ हो जाना'
यही व्यसनी चीज-वस्तुओं के उपयोग का परिणाम हे |
स्मोकिंग से फेफड़ो में गए धुँएसे मिश्रित खून के
मस्तिष्क में पहुंचते ही निकोटिन के कारण
3 से 10 सेकंड्स में यह 'किक' लगती हे,
जो 10 से 30 मिनट तक रहती हे, फिर इसका असर
कम होने लगता हे, हकीक़त यह हे की
परमात्माने बनाया हुआ यह अदभुत मानव शरीर
अपने अंदर घूंस आये नुकशानदेय तत्वों को
बाहर निकालने लग जाता हे, आधे एक घंटेमें
खून फिर स्वच्छ होतेहि वह मानसिक-काल्पनिक-
भावोत्तेजक अवस्था समाप्त होने लगती हे और
'कमनसीब व्यसनी' फिरसे
'दम मारो दम' में डूबना चाहता हे |
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"सिगरेट पीना स्वास्थ्य के लिए हानिकारक है" या
"तम्बाकू-गुट्ख़ा खाना स्वास्थ्य के लिए हानिकारक है"
यह वाक्य + और भी बहोत कुछ इन चीजों के पैकेट पर
बड़े-बड़े अक्षरों में लिखा रहता है, भयानकसा
कोई एक चित्र भी अब तो तम्बाकू-सिगरेट के पैकेट पर
छपा हुआ होता हे,
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फिरभी लोग इसका सेवन करके
"आ बैल - मुझे मार" जैसी गलती करते हुए
अपना एवं अपने परिवारका जीवन
कई प्रकारसे डिस्टर्ब कर देते हे |
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सिगरेट के धुएं में मौजूद होती हे बेहद खतरनाक चीजें >
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निकोटिन, टार, कार्बन मोनोक्साइड, बेंजीन,
निकोटिन, टार, कार्बन मोनोक्साइड, बेंजीन,
फ़ोर्मल्डीहाइड आदि सैंकड़ो प्रकारके खतरनाक तत्व
सिगरेट के धुएंमे पाए जाते हे |
अनुसार सिगरेट सुलगाते ही मानव शरीर पर
उसके हार्मफूल-इफेक्ट शुरू हो जाते हैं |
नई दिल्ली के रेस्पिरेटरी स्पेशलिस्ट डॉ.विवेक का
कहना है कि किसीभी रूपमें तम्बाकू-सिगरेट
मुंह से लेकर पेट, लिवर, गले जैसे कई तरह के
कैंसर का कारण बन सकती है।
सिगरेट सिर्फ फेफड़े ही नहीं बल्कि
पूरे मानव शरीर को नुकसान करती है।
बीड़ी-सिगरेट-तम्बाकू-गुटखा या किसी भी प्रकारके
व्यसनी व्यक्ति का शारीरिक, मानसिक, पारिवारिक,
आर्थिक और सामाजिक नुकशान होना सम्भव हे |
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सिगरेट जलाते ही माचिस या लाइटर और
सिगरेट जलाते ही माचिस या लाइटर और
सिगरेट दोनोंका 'टॉक्सिक-गैस'~ धुआं - मिलकर
नाक के अंदरकी पहली परत को डैमेज कर देता है।
सिगरेट की गर्म हवा से मुंह, चेहरे और नाक के
अंदरकी स्किन पर बुरा असर पड़ता है।
जब सिगरेट का धुआं मुंह में जाता है तो वह
जब सिगरेट का धुआं मुंह में जाता है तो वह
दांतों के एनामल पर जमा होते होते
उन्हें पीला करने लगता है।
सिगरेट के धुएं में मौजूद टार जिव्हा-जीभ के
सिगरेट के धुएं में मौजूद टार जिव्हा-जीभ के
टेस्ट बड्स और सैलाइवा के ग्लैंड्स को
ब्लॉक कर देता है। मुंह में लार कम बनती है,
मुंह सूखने लगता है।
टार और ज़हरीले केमिकल्स मुंह और
नाक को जोड़ने वाली नली में जमने लगते हैं,
इससे ब्रीदिंग प्रॉब्लम हो सकती है।
स्मोकिंग से मुंह के गुड बैक्टीरिया मर जाते हैं
स्मोकिंग से मुंह के गुड बैक्टीरिया मर जाते हैं
और मुंह से बदबू आने लगती है।
नाक की नली में सिगरेट के धुएं में मौजूद
नाक की नली में सिगरेट के धुएं में मौजूद
टार और केमिकल जमने से
सूंघने की क्षमता कमजोर होने लगती है।
सिगरेट का धुआं गले में मौजूद
पतली झिल्ली को नुकसान पहुंचाता है।
इससे ड्रायनेस, और इरिटेशन हो सकता है।
सिगरेट के धुएं में मौजूद फार्मेल्डीहाइड और
सिगरेट के धुएं में मौजूद फार्मेल्डीहाइड और
एक्रोलीन नामक केमिकल थ्रॉट इन्फेक्शन
और कैंसर का कारण बनते हैं।
यह केमिकल्स वोकल कार्ड को नुकसान पहुंचाते हैं
यह केमिकल्स वोकल कार्ड को नुकसान पहुंचाते हैं
इससे आवाज पर खराब असर पड़ता है।
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सिगरेट के धुएं से विंड-पाइप ~ 'स्वास-नलिका' में
..
सिगरेट के धुएं से विंड-पाइप ~ 'स्वास-नलिका' में
मौजूद ऑर्गन डैमेज होते हैं। इससे खांसी और
'लेरिन्जाइटिस' नामक प्रॉब्लम हो सकती है।
यह धुंआ ना सिर्फ 'स्वास-नलिका' बल्कि
यह धुंआ ना सिर्फ 'स्वास-नलिका' बल्कि
अन्न-नलिका के मसल्स को भी डैमेज कर देता हैं।
इससे पेट का एसिड
गले तक पहुंचकर जलन पैदा कर सकता है।
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टार :->
यह फेफड़ों में मौजूद
..
टार :->
यह फेफड़ों में मौजूद
इन्फेक्शन और बैक्टीरिया को रोकने वाले
शुक्ष्म एवं अत्यंत मुलायम बालों पर जम जाता है।
धुआं रेस्पिरेटरी सिस्टम में जमा होने लगता है।
धुआं रेस्पिरेटरी सिस्टम में जमा होने लगता है।
इससे ब्रॉंकाइटिस, अस्थमा जैसी प्रॉब्लम हो सकती है।
टार फेफड़ों में जमा होकर ब्लॉकेज पैदा करता है।
टार फेफड़ों में जमा होकर ब्लॉकेज पैदा करता है।
इससे थकान, ब्रीदलैसनेस,
आदि कईं समस्याएं शुरू होने लगती हे |
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कार्बन मोनोऑक्साइड :->
यह गैस खून में मौजूद
कार्बन मोनोऑक्साइड :->
यह गैस खून में मौजूद
ऑक्सीजन लेवल को कम करती है,
इससे जल्दी थकान और कमजोरी आने लगती है,
फिर शरीर के सभी अंगों को
कुछ न कुछ नुकसान होना शुरू हो जाता है।
फेफड़ों की कईं सारी बीमारीयाँ हो सकती है।
..
ऑक्सीडेन्ट गैसें :->
यह गैसें ऑक्सीजन के साथ रिएक्ट करती हैं
..
ऑक्सीडेन्ट गैसें :->
यह गैसें ऑक्सीजन के साथ रिएक्ट करती हैं
और खून को ज्यादा गाढ़ा बना देती हैं,
इससे स्ट्रोक और हार्ट अटैक का खतरा बढ़ जाता है।
..
बेंजीन :->
यह बॉडी के सेल्स को डैमेज करता है।
..
बेंजीन :->
यह बॉडी के सेल्स को डैमेज करता है।
बेंजीन कई तरह के कैंसर का कारण भी बन सकता है।
..
शरीरपर जब यह सारे खराब असर बढ़ जाये तोह..
पूरे मानव शरीर के
..
शरीरपर जब यह सारे खराब असर बढ़ जाये तोह..
पूरे मानव शरीर के
सभी ऑर्गन्स पर खराब असर होता है..
> नाक और मुंह की पहली पर्त् जल जाती हे
> होंठ एवं मसुड़े काले और दांत पिले पड़ जाते हे,
> नाक और मुंह की पहली पर्त् जल जाती हे
> होंठ एवं मसुड़े काले और दांत पिले पड़ जाते हे,
मुँहमे लार कम बनती हे
> मुंहसे बदबू आती हे,
> मुंहसे बदबू आती हे,
स्वाद और गंध परखने की क्षमता कम हो जाती हे
> गलेमें ख़राश, खांसी, क्फ्क़ की समस्याएँ
> गलेमें ख़राश, खांसी, क्फ्क़ की समस्याएँ
और साँस लेनेमें तकलीफ महसूस होती हे
> vocal cord - स्वर-रज्जु - (गुज. स्वरपेटी)
> vocal cord - स्वर-रज्जु - (गुज. स्वरपेटी)
डेमेज होने से आवाज़ में बदलाव आता हे
> पेटमे एसिडिटी-हाजमा की समस्याएँ
> पेटमे एसिडिटी-हाजमा की समस्याएँ
एवं कब्जकी परेशानी खूब रहने लगती हे
> जाहिर हे, किसीभी प्रकारका धुंआ
> जाहिर हे, किसीभी प्रकारका धुंआ
अलग अलग प्रकारके 'ऑक्साईड'से ही बना होता हे,
अतः उसमे पर्याप्त ऑक्सीजन की
कदाचित अपेक्षा नहीं रक्खी जा सकती,
फलस्वरूप ब्लड्मे ऑक्सीजनकी कमी होने पर
फलस्वरूप ब्लड्मे ऑक्सीजनकी कमी होने पर
थकान-कमजोरी, fatigue-क्लाँति~कंटाला
और मेमॉरी प्रोब्लेम भी महसूस होता हे,
> फेफडो में धुंएका टार जमा होते होते
> फेफडो में धुंएका टार जमा होते होते
अस्थमा-ब्रोंकाइटिस की समस्याएँ पैदा होती हे,
> खून गाढ़ा होने लगता हे और हार्टकी समस्याएँ ~
> खून गाढ़ा होने लगता हे और हार्टकी समस्याएँ ~
कार्डियाक प्रोब्लेम्स शुरू होने लगते हे,
> टार, निकोटिन और बेन्ज़ीन
> टार, निकोटिन और बेन्ज़ीन
खरनाक 'कार्सोनिजेनिक' तत्व हैं,
ऐसे व्यसनी मरीजों में
ऐसे व्यसनी मरीजों में
कैंसर का मुख्य कारण इन्हीं को समजा जाता हे,
> कई व्यसनी impotence -
'पुरूषातन की कमी' का शिकार भी बन जाते हे
और फिर "ना कहे सकते हे ना ही सहे सकते हे"
के हालात में फँस जाते हे |
> यात्रा-जर्नी में निर्व्यसनी लोग
अपने आसपास व्यसनी को पसंद नहीं करते
> यदि घरके लोग भी
> यदि घरके लोग भी
निर्व्यसनी हे तोह व्यसनी से परेशान रहते हे
> भारतमें, पत्नी ज्यादातर
> भारतमें, पत्नी ज्यादातर
मजबूरिमे व्यसनी पति को सहन करती रहती हे
> व्यसनी के कपड़े
> व्यसनी के कपड़े
किसी न किसी तरह ख़राब होते रहते हे
> व्यसनी पिता से जन्म ले रहे शिशु के ऊपर
> व्यसनी पिता से जन्म ले रहे शिशु के ऊपर
खतरनाक बुरा असर पड़ता हे, व्यक्ति जो कुछ भी
खाता-पीता हे उसीसे उसका शरीर बनता हे,
और ऐसेमें उस शरीरसे उत्पन्न हुए शिशुपर
इसका बुरा असर होनेकी संभावना स्वाभाविक हे |
* इस मुद्दे को लेकर जो पेरेन्ट्स बिलकुल गंभीर हे
* इस मुद्दे को लेकर जो पेरेन्ट्स बिलकुल गंभीर हे
उनके लिए एक विशेष जानकारी नॉट करना
लाभकारी रहेगा; व्यसनके दूषित प्रभावका
आनेवाले शिशु पर जरासा भी प्रभाव न पड़े इस हेतु
व्यसन सम्पूर्ण त्यागने के बाद स्वस्थ जीवनकी
शुरुआत करने के कमसेकम 400 दिनों के बाद ही
बालकके लिए प्रयत्न करना चाहिए |
> व्यसनी के परिवारमे वयस्क हो रहे बच्चों के ऊपर
> व्यसनी के परिवारमे वयस्क हो रहे बच्चों के ऊपर
खतरनाक बुरा असर पड़ता हे
> आजकल तो कई कंपनियां भी एम्प्लॉयमेंट-ऐड में
> आजकल तो कई कंपनियां भी एम्प्लॉयमेंट-ऐड में
उम्मीदवार के निर्व्यसनी होनेकी कंडीशन लिखती हे
> इस हाल में व्यसनी का स्वयं-ख़ुदका
> इस हाल में व्यसनी का स्वयं-ख़ुदका
और परिवारका आर्थिक+मानसिक रूपसे
खुवार होना भी स्वाभाविक हे |
> विश्व आरोग्य संस्थान WHO द्वारा कराए गए
> विश्व आरोग्य संस्थान WHO द्वारा कराए गए
"ग्लोबल एडल्ट टोबैको सर्वे (जीऐटीएस) 2016-17"
[India Fact-sheet] के अनुसार भारत में
26 करोड़ से ज़्यादा लोग तम्बाकू का बीड़ी-सिगरेट
या खैनी-गुटखे के रूप में सेवन करते हैं।
..
आश्चर्य और बड़े दुःख की बात यह हे की इनमेंसे
92% से ज्यादा लोग यह जानते हुए की
"बीड़ी-सिगरेट या तम्बाकू सेवन से
गंभीर स्वास्थ्य-समस्याऐं खड़ी हो सकती हे",
फिर भी इसका सेवन करते हे | ..
..
यह सिद्ध करता हे की देशमें पारिवारिक संस्कारिता,
स्व-अनुशासन एवँ सामाजिक-नैतिक जवाबदेहीता ~
social-moral responsiveness के बारेमे
ऐसे लोग किस हद तक गिर चुके हे |
..
..
वैसे तो पढ़े-लिखे लोग स्वयं भी इन्टरनेट पर
..
..
वैसे तो पढ़े-लिखे लोग स्वयं भी इन्टरनेट पर
पचीसों साईटें सर्च करके मन चाही जानकारी
पा सकते हैं, पर वर्तमान समय की आपाधापी से भरी
जिन्दगी जी रहे लोगोंमे इसके लिए
समय निकालनेकी संभावना अत्यंत सिमित हे |
हमारे भी कुछ दोस्त उपरोक्त विषयमें हमसे सलाह की
सिफारिश किया करते थे, पर विष्णुभाई जब
ईस समस्यासे बुरी तरह प्रभावित हुए तब
हमारा भी दिल भर गया; उपरांत इसके,
कुछ समय पहले सोश्यल मिडिया पर व्यसनमुक्ति
को लेकर एक आधी-अधूरी पोस्ट से कई दोस्तों की
भावनाओं को धक्का पहुँचा हे - यह हमने देखा;
अतः इन सभी कारणो से एक -
विस्तृत जानकारी संकलित करके
विस्तृत जानकारी संकलित करके
व्यसनसे बाहर निकलना चाह रहे
अगणित लोगों तक इसे पहुंचाने के हेतु से
यह 'आलेख' हमने तैयार किया हे |
आशा करते हैं, जिन्हें दृढ़तासे 'व्यसनमुक्त' होना हे
आशा करते हैं, जिन्हें दृढ़तासे 'व्यसनमुक्त' होना हे
वह सभी अब ईस 'आलेख' में आगे दी गई,
व्यसनमुक्त होने के लिए सटीक एवं चाविरूप
विशेष जानकारी खूब ध्यानपूर्वक पढ़ेंगे एवं
अत्यन्त गंभीरता से उसपर अमल करते हुए
'व्यसनमुक्ति'में सफ़लता हाँसिल करेंगे |
पर इसकी एक अहेम शर्त हे,
इसपर अमल करने वाले व्यक्ति में
पर इसकी एक अहेम शर्त हे,
इसपर अमल करने वाले व्यक्ति में
'सेल्फ-कॉन्फिडेन्स' एवं 'सेल्फ-डिसिप्लिन' होना
अति आवश्यक हे, यानेकी व्यक्ति का
"Self-disciplined & Self-confident" होना
अनिवार्य शर्त हे |
..
..
..
क्यूँकि, जिस तरह - कुछ गलत कर रहे छोटे बच्चेको
क्यूँकि, जिस तरह - कुछ गलत कर रहे छोटे बच्चेको
डाँट कर रोका जा सकता हे, वैसे तो व्यसनीको
कोई कहने-पूछने वाला हे नहीं, उस वयस्कको
कभी कोई कुछ स्ट्रिक्टली नहीं कहे पाया तभी तो
जा कर वह व्यसनका आदी हो गया |
उपरवालेकि कृपासे जिस किसीको
व्यसन छोड़नेका विचार अपने मनमे जागा हे,
.. उनके लिए 'देर आये ~ दुरुस्त आये'
'Better Late Than Never'
तो.. नंबर एक > कृपया
तो.. नंबर एक > कृपया
"Self-disciplined"~"स्व-अनुशासित" हो जाएँ |
अब जरा विस्तारसे उपाय समझिये |
..
गुटखा / सिगरेट आदि कोई भी व्यसन
अब जरा विस्तारसे उपाय समझिये |
..
गुटखा / सिगरेट आदि कोई भी व्यसन
किसी भी लिहाज से सेहतमंद नहीं है।
इससे हरगिज़ छुटकारा पाएँ ....
बीड़ी-सिगरेट-तंबाकू-गुट्ख़ा
इससे हरगिज़ छुटकारा पाएँ ....
बीड़ी-सिगरेट-तंबाकू-गुट्ख़ा
जब हमेशा के लिए छोड़ना हो....
तोह निम्न-लिखित जानकारी का अभ्यास करके
तोह निम्न-लिखित जानकारी का अभ्यास करके
उस पर 'सख्तिसे' अमल करें |
..
..
..
कोई थम्भ-रूल' नहीं हे,
कोई थम्भ-रूल' नहीं हे,
कोई एक ही ज़टके से व्यसन छोड़ भी सकता हे,
फिर भी वैज्ञानिक अभ्यास के अनुसार
एक ही बार में व्यसन छोड़ने की कोशिश
एक ही बार में व्यसन छोड़ने की कोशिश
नहीं करनी चाहिये, ऐसा करने पर कई बार
शरीर पर बुरा असर पड़ सकता है।
मसलन, नींद न आना, वजन बढ़ना,
चीड़-चिड़ापन या गुस्सा आना, भूख न लगना,
सख्त कब्ज हो जाना,
ध्यान केन्द्रित करने में बाधा होना और
तंत्रिकाओं में तनाव महसूस होना
आदि अनुभव-परेशानियाँ महसूस होती है।
इन्हीं कारणों से कई बार धूम्रपान चिकित्सक
एक साथ व्यसन छोड़ने की बजाए धीरे-धीरे
कम करने की सलाह देते हैं।
यह प्रक्रिया थोड़ी लंबी जरूर है,
पर इसके नतीजे सही आते हैं। बशर्त के इसे
बिलकुल कंटीन्यू तरीकेसे कम करते जाएं - याद रहे,
हमेशा आपही स्वयंको अनुशासित करोगे |
व्यसनको पराजित करना हे
और स्वयंको 'विजयी' होना हे |
..
हमारा यह निरीक्षण रहा हे की ऐसे दोस्तोंको
< व्यसन 'कैसे' छोड़ना -
..
हमारा यह निरीक्षण रहा हे की ऐसे दोस्तोंको
< व्यसन 'कैसे' छोड़ना -
"HOW' to quit Addiction" > की
जानकारिसे ज्यादा
< व्यसन "क्योँ" छोड़ना हे -
< व्यसन "क्योँ" छोड़ना हे -
"WHY' to quit Addiction" > की समझ,
निश्चित परिणाम देती हे |
..
..
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-> हमेशा खुद से पूछते रहें कि
आप व्यसन क्यों छोड़ना चाहते हैं, घर-परिवार-
बच्चों की परवरिश एवँ उनका भविष्य,
बढ़ती उम्र में स्वयं का स्वास्थ्य,
जॉब-बिजनेस-कंपनी-स्टाफ़-कस्टमर्स,
सोसायटी-समाज-रिश्तेदारों-ग्रुप-सर्कल
आदिमे जेन्टलमैन इम्प्रेसन,
और आर्थिक खुवारी से बचना !!
इन सभी टॉपिक्स' के बारेमे सोच-विचार करें |
-> व्यसन से शरीर पर होने वाले
-> व्यसन से शरीर पर होने वाले
नुकसान के बारे में जानकारी जुटाएं।
-> किसी यार-दोस्त-रिश्तेदार का सहयोग भी
ले सकते हो, जो इस दौरान आपकी
-> किसी यार-दोस्त-रिश्तेदार का सहयोग भी
ले सकते हो, जो इस दौरान आपकी
इच्छाशक्ति को बनाए रखने में सहायता करे |
-> जिन्होंने इस लत को छोड़ दिया है,
उनके सम्पर्कमे रहें, उनसे बातें करें |
-> जो व्यसनकी तरफ़दारी ख़ूब करते रहते हे,
-> जो व्यसनकी तरफ़दारी ख़ूब करते रहते हे,
उनसे दूर रहनेमें ढिलास न बरतें,
आपका भविष्य आपके हाथ ही होना चाहिये |
-> जरूरत महसूस होने पर किसी 'व्यसनमुक्ति-केंद्र'
आपका भविष्य आपके हाथ ही होना चाहिये |
-> जरूरत महसूस होने पर किसी 'व्यसनमुक्ति-केंद्र'
या 'व्यसनमुक्ति-कन्सल्टेन्ट' या आपके
फेमिली-डॉक्टर से भी मिल सकते हो,
अपने डॉक्टर से खुलकर उन सभी तरीकों के बारे में
पूछ-ताछ करें , जो मदद कर सकते हैं |
फिर चाहे कोई एप हो, योग-ध्यान-केन्द्र हो,
या फिर काउंसलिंग, जो भी आपको जचे
उसे आजमाएं | पर लक्ष्य के प्रति बने रहें |
..
..
-> निकोटिन गम, चूसने वाली गोलीयां, या इनहेलर,
-> निकोटिन गम, चूसने वाली गोलीयां, या इनहेलर,
या फिर निकोटिन पैच लगाने से भी मदद मिलती है |
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इसे 'quit cigarette medicine' भी कहते हे,
इन्हें डॉक्टर से सलाह-मशवरा करके लेना
ज्यादा उचित हे, यह सभी चीजें किसीभी
मेडिकल-स्टोरमे उपलब्ध होती हे और
मेडिकल-स्टोरके 'क्वॉलिफाइड-फार्मासिस्ट' भी
आपका मार्गदर्शन कर सकते हे |
इसमें Cipla कंपनीका 'nicotex'
chewing gum/tablet काफ़ी
असरदार एवं सरल हे
और 'मिन्ट' स्वादमे फ़ेमस हे |
और भी दो स्वादमे यह मिलता हे,
एक हे 'पान' ,
और एक हे 'तज'(cinnamon).
असरदार एवं सरल हे
और 'मिन्ट' स्वादमे फ़ेमस हे |
और भी दो स्वादमे यह मिलता हे,
एक हे 'पान' ,
और एक हे 'तज'(cinnamon).
यह "A 12-week therapy programme" हे,
फिर - अंततः
'nicotex' को भी आपको छोड़ देना होगा |
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..
..
-> अपने पसंदीदा कामों में खुद को व्यस्त रखें |
-> अपने पसंदीदा कामों में खुद को व्यस्त रखें |
नियमित व्यायाम करें |
..
..
..
प्रकृति के बीच समय बिताएं | घर-परिवारमें
बात-चित-हल्लागुल्लामें शामिल रहें, बच्चों के साथ
कुछ समय बिताएं | म्युज़िक गायें - बजाएं या सुने |
..
..
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-> विशेष सुचना > एक व्यसन की लत
-> विशेष सुचना > एक व्यसन की लत
छोड़ने के लिए किसी और नशे का सहारा कभी न लें |
-> भोजन में फल व ताज़ी हरी सब्जियों एवं
ग्रीन-सलाड की मात्रा बढ़ा दें, ताकि
कमजोरी का एहसास न हो, यह बेहद जरूरी मुद्दा हे |
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जो लोग धूम्रपान छोड़ना चाहते हे उनके लिए 'केले'
अदभुत तरीकेसे उपयोगी हे, क्यूँकि.... केलेमे
विटामिन B6 और B12 के उपरान्त पोटॅशियम एवँ
मेग्नेशियम भी हे जो शरीरमेसे निकोटिन कम करके
व्यक्तिको व्यसनमुक्त होनेमे सहायक हो सकता हे |
केले खाने के समय अवश्यरूपसे केले के ऊपर
बारीक़-पीसा हुआ ईलायची पावड़र छिड़ककर
खाना चाहिए | इस प्रयोगसे केले जरा आसानीसे
हजम हो सकते हे, उपरान्त केले के साथ ईलायची
खानेसे शरदी-कफ़ की तकलीफ होनेकी संभावना
बिलकुल कम हो जाती हे |
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जो लोग धूम्रपान छोड़ना चाहते हे उनके लिए 'केले'
अदभुत तरीकेसे उपयोगी हे, क्यूँकि.... केलेमे
विटामिन B6 और B12 के उपरान्त पोटॅशियम एवँ
मेग्नेशियम भी हे जो शरीरमेसे निकोटिन कम करके
व्यक्तिको व्यसनमुक्त होनेमे सहायक हो सकता हे |
केले खाने के समय अवश्यरूपसे केले के ऊपर
बारीक़-पीसा हुआ ईलायची पावड़र छिड़ककर
खाना चाहिए | इस प्रयोगसे केले जरा आसानीसे
हजम हो सकते हे, उपरान्त केले के साथ ईलायची
खानेसे शरदी-कफ़ की तकलीफ होनेकी संभावना
बिलकुल कम हो जाती हे |
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सारे शरीरको व्यसन से खूब नुकशान
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सारे शरीरको व्यसन से खूब नुकशान
पहुँचा होता हे, यदि आप एज्युकेटेड हैं तोह
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व्यसन से फ़ास्ट हो चुकी 'एजिंग-प्रोसेस' को भी
फ़िरसे नॉर्मल करनेमें "सप्लिमेंट्-विटामिन्स" आदि
खूब लाभकारी होता हे | स्वस्थ-जीवन पुनः प्राप्त करके
ईसे हमेशा स्वस्थ बनाए रखने के लिए
"डाएटरी-सप्लिमेन्ट्स" अत्यन्त प्रभावी
एवं अनिवार्य रूपसे उपयोगी हे |
-> पानी खूब पिएं, कोई थम्भ-रूल' नहीं हे,
-> पानी खूब पिएं, कोई थम्भ-रूल' नहीं हे,
पर पानी पिने के बारे में हमारा अनुभव
यह बताता हे की प्रातः से रात्रि तक मे
3 से 4 लीटर के क़रीब पानी पीना एक तंदुरस्त
3 से 4 लीटर के क़रीब पानी पीना एक तंदुरस्त
वयस्क के लिए लाभकारी हे | इससे ग्रंथियाँ
'फ़्लश' होती हे, कुछ बातें भी ध्यानमे रक्खें - जैसे,
प्रातः जागकर एक से दो ग्लास पानी पीना लाभकारी हे
-> इसमें थोड़ा नीम्बू भी निचोड़ना चाहिए, नीम्बूमें प्राप्त
विटमिन C' एक पावरफुल ऐन्टी-ऑक्सिडन्ट हे,
जो शरीरमें व्यसन से पहुँचे हुए नुकशान को दूर
करनेमे काफी मदद करता हे | भोजनसे 15 मिनट
पहले आधा-एक ग्लास पानी जरूर पिएँ पर भोजनकेबाद
एकाद घंटे तकमे नहीं के बराबर पानी पिएँ, आदि |
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मुँहमे 'दाँतो'को हुए नुकशानको सुधारने के प्रयत्न में
..
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मुँहमे 'दाँतो'को हुए नुकशानको सुधारने के प्रयत्न में
जरासी भी लापरवाही ना बर्तें, यह अक्सर देखा गया हे
की जीवनमें जबतक़ जो चीज-सुविधाऐं उपलब्ध
होती हे तबतक़ उसकी कीमत नहीं समजी जाती,
और उस चीज या सुविधा में
कमी के बाद बड़ा पछतावा होता हे, इसमें प्रमुख हे
दाँत और आँख की सुविधा;
अक्सर इसके प्रति लोग बेध्यान रहते हे |
..
अक्सर इसके प्रति लोग बेध्यान रहते हे |
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'बेस्ट क्वॉलिटी टूथपेस्ट' एवँ
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जीवनभर इसके नियमित उपयोगका शुभ-फल -
रिटायर-लाइफ़ में भी पुरे 32 स्वस्थ-दाँतों के रूपमें
आज हमें प्राप्त हे |
आपभी इस 'गारन्टिड प्रोड्क्ट' का नियमित
उपयोग करके अपने दाँतों का स्वास्थ्य बचा सकते हो |
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लम्बे समयके व्यसनके बाद
ख़ास करके गुटखा-तम्बाकू चबाने वाले
लोगों में मुँह ठीकसे ना खुलनेकी एवँ
भोजनमे रही तीखास सहन ना होनेकी
फरियाद अक्सर रहती हे, या खान-पानमे
कोई स्वाद नहीं लगने की फरियाद रहती हे |
ऐसेमे निचे बताये कुछ उपाय नियमित करें तो
आपका जीवन फिरसे सुखमय बन सकता हे |
(१)
१०० ग्राम अजवाइन के दाने साफ़ करके
कांच या स्टैनलेस-स्टील के एक बरतनमे डालें,
इसमें आधा टेबल-स्पून सेंधा-नमक और
एक चौथाई टी-स्पून काला-नमक और
एक निम्बूका रस ~ इन चारों चीजों को
ठीक तरह मिक्स कर लीजिये; अब
इसे छाया-शुष्क करना हे, अर्थात
डाइरेक्ट धूपमे रख कर नहीं सूखाना हे
लेकिन दो चार दिन तक कुछ डिस्टर्बन्स ना हो
ऐसी कोई जगह पर घरके अंदरहि कपडेका
एक टुकड़ा बिछा कर उसके ऊपर फैला देना हे |
दो-चार दिनमे जब यह बिलकुल सुख जाये तब
इसे खूब सावधानी से एक बड़ी कड़ाई में
बिलकुल धीमी आँच पर सेंक लीजिये |
याद रहे, अजवाइन एकदम मुलायम चीज हे,
सेंकनेमे जरा सी भी लापरवाही से यह जल कर
काला हो जाये तोह उपयोगी ना रहेगा |
जब सही मात्रा में इसकी सेंकाई हो जाये तब
कडाईमे नहीं रख्खे रहते हुए तुरंत ही
किसी दूसरे बरतन/थाली मे निकाल कर
इसे बिलकुल ठंडा पड़ने के लिए छोड़ दें |
तत्प्श्चात एक शीशी या कोई डिब्बी में
भरकर रख दीजिये, अब यह एक औषध जैसा
काम करनेके लिए तैयार हे |
जब जब आपको व्यसनकी तलप लगे तब
इसमेंसे चुटकीभर दाने मुँहमे चूसते-घुमाते
चबाते रहिये | यह आपका मुँह ठीकसे खुल
सकनेके प्रयत्नमे एवं सामान्य रसोईकी
तीखास को खा सकनेके प्रयत्नमे सहायता करेगा |
(२)
और एक उपाय हे जिसमे आप
मुँहमे पानी भरकर कुल्ला करनेके लिए
एक ग़िलास पानीको साधारण गरम् करें, इसमें
एक चौथाई टी-स्पून सेंधा-नमक और
आधा टेबल-स्पून हल्दी-पावड़र - turmeric और
एक टी-स्पून ऑलिव-ऑइल या तील-तेल 'sesame-oil'
डालें ~ और तीनों चीजों को ठीक तरह मिक्स कर लीजिये;
अब इस गिलास में से मुँहमे पानी भरकर
कुल्ला करनेकी तरह मुँहमे खँगालते रहिये,
आपसे ज्यादासे ज्यादा जितने समय तक एक कुल्ला
चालू रह सके तब तक इसे मुँहमे खँगाल कर
अंततः वॉशबेसिन/ड्रेनेजमे निकाल देना हे |
तैयार किये हुए पुरे गिलासका गर्म पानी इसी तरह
उपयोग करें, इसे हररोज एक या दो बार करना हे |
नितमित करने पर यह भी आपका मुँह ठीकसे
खुल सकनेके प्रयत्नमे एवं सामान्य रसोईकी
तीखास को खा सकनेके प्रयत्नमे सहायता करेगा |
(३)
और एक उपाय के रूपमे
घरमे पूजा-आरती के समय पर हर-रोज
सुबह ~ शाम शँख-नाद करें - शँख बजाएं |
गाल, गलोफ़े, जबड़े, गले, आदि के स्नायुओं को
फिरसे फ्लेक्सिबल करनेमे यह खूब असरदार हे |
इससे फेफड़ों की तंदुरस्ती पुनः प्राप्त करने में भी
जबरजस्त कसरत और सहायता मिलती हे |
आप फ़ुरसत फ़ुरसत में कभीकभी मुँह से बेलून में
हवा भरने की एक्सरसाइज़ भी कर सकते हो |
..
याद रहे, व्यसन करने पर जिस तरह एक ही दिनमे
सारि समस्याएँ नहीं बन गई थीं, उसी तरह
इन सारे उपायों से रातोंरात सब कुछ ठीक
हो जानेकी अपेक्षा नहीं रख्खी जा सकती, अतः
धैर्यता से जरूरी लंबे आरसे तक इसे अविरत रूपसे
अमलमें रखने परही निश्चित परिणाम प्राप्त होगा |
लम्बे समयके व्यसनके बाद
ख़ास करके गुटखा-तम्बाकू चबाने वाले
लोगों में मुँह ठीकसे ना खुलनेकी एवँ
भोजनमे रही तीखास सहन ना होनेकी
फरियाद अक्सर रहती हे, या खान-पानमे
कोई स्वाद नहीं लगने की फरियाद रहती हे |
ऐसेमे निचे बताये कुछ उपाय नियमित करें तो
आपका जीवन फिरसे सुखमय बन सकता हे |
(१)
१०० ग्राम अजवाइन के दाने साफ़ करके
कांच या स्टैनलेस-स्टील के एक बरतनमे डालें,
इसमें आधा टेबल-स्पून सेंधा-नमक और
एक चौथाई टी-स्पून काला-नमक और
एक निम्बूका रस ~ इन चारों चीजों को
ठीक तरह मिक्स कर लीजिये; अब
इसे छाया-शुष्क करना हे, अर्थात
डाइरेक्ट धूपमे रख कर नहीं सूखाना हे
लेकिन दो चार दिन तक कुछ डिस्टर्बन्स ना हो
ऐसी कोई जगह पर घरके अंदरहि कपडेका
एक टुकड़ा बिछा कर उसके ऊपर फैला देना हे |
दो-चार दिनमे जब यह बिलकुल सुख जाये तब
इसे खूब सावधानी से एक बड़ी कड़ाई में
बिलकुल धीमी आँच पर सेंक लीजिये |
याद रहे, अजवाइन एकदम मुलायम चीज हे,
सेंकनेमे जरा सी भी लापरवाही से यह जल कर
काला हो जाये तोह उपयोगी ना रहेगा |
जब सही मात्रा में इसकी सेंकाई हो जाये तब
कडाईमे नहीं रख्खे रहते हुए तुरंत ही
किसी दूसरे बरतन/थाली मे निकाल कर
इसे बिलकुल ठंडा पड़ने के लिए छोड़ दें |
तत्प्श्चात एक शीशी या कोई डिब्बी में
भरकर रख दीजिये, अब यह एक औषध जैसा
काम करनेके लिए तैयार हे |
जब जब आपको व्यसनकी तलप लगे तब
इसमेंसे चुटकीभर दाने मुँहमे चूसते-घुमाते
चबाते रहिये | यह आपका मुँह ठीकसे खुल
सकनेके प्रयत्नमे एवं सामान्य रसोईकी
तीखास को खा सकनेके प्रयत्नमे सहायता करेगा |
(२)
और एक उपाय हे जिसमे आप
मुँहमे पानी भरकर कुल्ला करनेके लिए
एक ग़िलास पानीको साधारण गरम् करें, इसमें
एक चौथाई टी-स्पून सेंधा-नमक और
आधा टेबल-स्पून हल्दी-पावड़र - turmeric और
एक टी-स्पून ऑलिव-ऑइल या तील-तेल 'sesame-oil'
डालें ~ और तीनों चीजों को ठीक तरह मिक्स कर लीजिये;
अब इस गिलास में से मुँहमे पानी भरकर
कुल्ला करनेकी तरह मुँहमे खँगालते रहिये,
आपसे ज्यादासे ज्यादा जितने समय तक एक कुल्ला
चालू रह सके तब तक इसे मुँहमे खँगाल कर
अंततः वॉशबेसिन/ड्रेनेजमे निकाल देना हे |
तैयार किये हुए पुरे गिलासका गर्म पानी इसी तरह
उपयोग करें, इसे हररोज एक या दो बार करना हे |
नितमित करने पर यह भी आपका मुँह ठीकसे
खुल सकनेके प्रयत्नमे एवं सामान्य रसोईकी
तीखास को खा सकनेके प्रयत्नमे सहायता करेगा |
(३)
और एक उपाय के रूपमे
घरमे पूजा-आरती के समय पर हर-रोज
सुबह ~ शाम शँख-नाद करें - शँख बजाएं |
गाल, गलोफ़े, जबड़े, गले, आदि के स्नायुओं को
फिरसे फ्लेक्सिबल करनेमे यह खूब असरदार हे |
इससे फेफड़ों की तंदुरस्ती पुनः प्राप्त करने में भी
जबरजस्त कसरत और सहायता मिलती हे |
आप फ़ुरसत फ़ुरसत में कभीकभी मुँह से बेलून में
हवा भरने की एक्सरसाइज़ भी कर सकते हो |
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याद रहे, व्यसन करने पर जिस तरह एक ही दिनमे
सारि समस्याएँ नहीं बन गई थीं, उसी तरह
इन सारे उपायों से रातोंरात सब कुछ ठीक
हो जानेकी अपेक्षा नहीं रख्खी जा सकती, अतः
धैर्यता से जरूरी लंबे आरसे तक इसे अविरत रूपसे
अमलमें रखने परही निश्चित परिणाम प्राप्त होगा |
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-> एक और चीज आप उपयोगमे ले सकते हो,
-> एक और चीज आप उपयोगमे ले सकते हो,
इसकी विधि बिलकुल सिम्पल हे,
यदि आपकी प्रकृतिको अनुकूल रहे
यदि आपकी प्रकृतिको अनुकूल रहे
तोह इसका उपयोग कॉन्टीन्यु करें,
इसका परिणाम बड़ा असरदार हे |
100 ग्राम अद्रक को बराबर साफ करके
100 ग्राम अद्रक को बराबर साफ करके
अनारके दाने के बराबर उसके टुकड़े कर दें |
कांचके एक कटोरेमे एक बड़ा निम्बू निचोड़ दें,
कांचके एक कटोरेमे एक बड़ा निम्बू निचोड़ दें,
उसमे आधा चमचभर सेंधानमक,
आधा चमचभर कालानमक और तैयार किये हुए
आधा चमचभर कालानमक और तैयार किये हुए
अद्रक के टुकड़े सभीको बराबर मिक्स करें,
अब इन्हे घरमेही कहीं एक कपडेके बड़े टुकड़े पर
अब इन्हे घरमेही कहीं एक कपडेके बड़े टुकड़े पर
फैला कर सूखने के लिए छोड़ दें |
दो-चार दिनमे जब यह बिलकुल सुख जाए
दो-चार दिनमे जब यह बिलकुल सुख जाए
तब एक डिब्बी में भरके रख्खे रहें |
जब जब आपको पुराने व्यसनकी तल्प लगे तब
जब जब आपको पुराने व्यसनकी तल्प लगे तब
उसमेंसे एक-दो टुकड़े मुँहमे घूमाते हुए चूसते रहें |
'आमके आम गुठलीयों के दाम' जैसा यह सस्ता-सरल
'आमके आम गुठलीयों के दाम' जैसा यह सस्ता-सरल
-सिविधापूर्ण फिरभी बड़ा असरदार प्रयोग हे,
व्यसनमुक्ति के आपके अभियान को
यह चार चाँद लगा सकता हे |
..
-> दूसरा एक प्रयोग टॉक्सिन्स से शरीरमे
-> दूसरा एक प्रयोग टॉक्सिन्स से शरीरमे
ग्रंथियोंको हुए नुकसान को ठीक करनेमे सहायक हे |
दो चमच एरंड का तेल + दो चमच सरसों का तेल
और दो चमच ऑलिव ऑइल ..
यह तीनों मिक्स करके साधारण गर्म करलें,
फेफड़ों की तंदुरस्ती के लिए पूरी छाती पर, एवँ
छाती की दोनों बाजूकी पसलियाँ जहां पूरी होती है -
यह तीनों मिक्स करके साधारण गर्म करलें,
फेफड़ों की तंदुरस्ती के लिए पूरी छाती पर, एवँ
छाती की दोनों बाजूकी पसलियाँ जहां पूरी होती है -
मतलब, पेटका ऊपरी हिस्सा, उस पुरे भागमे और
ख़ास करके (Liver)जिगर वाले भागके ऊपर
बिलकुल हल्के हाथोंसे रोज १०-१५ मिनट मालिस करें|
..
आप जानते हो !? रेसके घोडेका मालिक
..
आप जानते हो !? रेसके घोडेका मालिक
घोडेके पुरे बदनको मल मल के रोज
मालिस क्यों करता हे !?!?
पुरे बदनकि मालिस एक ऐसी प्रक्रिया हे जिससे
शरीरकी सबसे बड़ी ग्रंथि (Liver)"कलेजे" को
'Extra Activate' किया जा सकता हे,
जो आपकी सेहत को ठीक करनेमे तेजी ला देगा |
..
-> धीरे-धीरे व्यसन की मात्रा कम करें और प्रोग्रेसको
..
-> धीरे-धीरे व्यसन की मात्रा कम करें और प्रोग्रेसको
लिखना शुरू करें, इससे इच्छाशक्ति मजबूत होती है |
-> व्यायाम करना शुरू करें, संतुलित भोजन करें,
-> व्यायाम करना शुरू करें, संतुलित भोजन करें,
परिवार और दोस्तों के साथ समय बिताएं |
-> स्वयं को जितना व्यस्त रखेंगे, उतना ही
-> स्वयं को जितना व्यस्त रखेंगे, उतना ही
पुरानी लत को छोड़ने में आपको मदद मिलेगी |
..
-> प्रायः व्यसन छोड़ने वाले सभी की पत्नीने 'इस बातको
..
-> प्रायः व्यसन छोड़ने वाले सभी की पत्नीने 'इस बातको
जीवनके शानदार तोहफ़े में से एक बताया हे |
-> व्यसन छोड़ने वाले की रिस्पेक्ट और क़ीमत
-> व्यसन छोड़ने वाले की रिस्पेक्ट और क़ीमत
परिवारमे और समाजमे जरूर बढ़ती हे,
They have set an example, यह
They have set an example, यह
'द्रिढ़-निश्चयी' लोग अपने आपमें एक मिसाल हे,
ऐसा 'द्रिढ़-निश्चयी' हर एक बंदा समाज के लिए
"एक प्रेरणा रूप कहानी हे" |
किन्तु "एक प्रेरणा रूप कहानी" तैयार करनेके लिए
किन्तु "एक प्रेरणा रूप कहानी" तैयार करनेके लिए
दुनियामे और भी बहुत सारे सब्जेक्ट्स हे,
यद्यपि, अतिउत्साहित हो कर
यद्यपि, अतिउत्साहित हो कर
ऐसी एक कहानी बनाने के लिए, कृपया कोई भी वाचक
बीड़ी-सिगरेट-तम्बाकू सेवन चालू ना करें ☺☺☺☺ .
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समूचे आलेखके किसीभी पहलू पर
यदि कोई निरुत्तर प्रश्न उपस्थित हो तोह जरूर से
वॉट्सऐप-मैसेज या ईमेल करके पूछें,
फोन पर समय देना दुष्कर हे, क्षमा करे |
वॉट्सऐप # 9427711851
ईमेल crown.upendrarawal@gmail.com
फोन पर समय देना दुष्कर हे, क्षमा करे |
वॉट्सऐप # 9427711851
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..
अन्ततः उपरोक्त अभियान में
आपकी सफलता हेतु परमात्मा से हम प्रार्थना करते हैं |
उपेन्द्र रावल की ओर से धन्यवाद एवँ शुभकामनाएँ | **
**
..
Disclaimer :->
Contents of this site/blog are for information purposes only.
These are not a substitute for any medical Condition-
Disease-Advi ce or Treatment.
Always seek the advice of a physician or
other licensed health care professional regarding
any questions you have about your
medical condition(s) and treatment(s).
The author and above blog disclaim liability Contents of this site/blog are for information purposes only.
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Disease-Advi
Always seek the advice of a physician or
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for any loss, damage, mishap, or condition that may occur
from engaging in any activities or ideas from this blog/site.
You may take decision and consume
any of the products described here in above on your own.
..
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